
दोस्तों क्या आप ग़ुस्ल की दुआ जानना चाहते है अगर हा तो आप बिलकुल सही जगह पर है क्यों की यहाँ पर मैं आपको ग़ुस्ल की दुआ के साथ-साथ ग़ुस्ल करने के सुन्नत तरीके के बारे में भी बताने वाला हु जो की हर एक मुस्लमान को पता होना चाहिए क्यों की अगर आप को इसके बारे में नहीं पता है तो इसके बिना आपका ग़ुस्ल नहीं होगा |
नोट : आज मैं आपको ग़ुस्ल की हर एक दुआ के बारे में बताने वाला हु जैसे :-
- ghusl ki dua for ladies
- ghusl ki dua after periods
- humbistari ke baad gusal ki dua
- ghusl ki dua in hindi
Ghusl ki dua
दोस्तों ग़ुस्ल की दुआ को लेकर लोगो में बहुत डाउट होता है की आखिर कार ग़ुस्ल की दुआ क्या होती है और लोगो हमेसा ग़ुस्ल की दुआ इधर-उधर ढूंढ़ते रहते है जैसे की , पीरियड्स के बाद ग़ुस्ल की दुआ , हमबिस्तरी के बाद गुसल की दुआ , औरतो के लिए ग़ुस्ल की दुआ , मर्दो के लिए ग़ुस्ल की दुआ लेकिन आज मैं आपको एक बात साफ़-साफ बताना चाहूंगा की गुसल की कोई दुआ होती ही नहीं है , सिर्फ ग़ुस्ल का सुन्नत तरीका होता है जिसे मैंने नीचे अच्छे से समझाया है , आप किसी के भी बातो में न बहुत सरे लोग ग़ुस्ल की गलत सही दुआ बताते है पर ऐसा कुछ है ही नहीं मैंने कई मौलान से से बात करने के बाद यह आर्टिकल लिखा है |
गुस्ल करने का सुन्नत तरीका क्या होता है ?
दोस्तों अब मैं जो भी ग़ुस्ल करने का सुन्नत तरीका आपको बताने वाला हु अगर आप उसे धयान से पढ़ लेते है तो आपको इंशाअल्लाह हर एक बात अच्छे से समझ में आजाएगी तो चलिए शुरू करते है |
यह भी पढ़े
ग़ुस्ल का तरीका क्या है ?
- ग़ुस्ल करते समय सबसे पहले आप अपने दोनों हाथ को धोए
- फिर अपने निज़ास की जगह को धोए
- उसके बाद अपने सरम गाह की जगह को धोए
- उसके बाद बिस्मिल्लाह करके वजू करे और कुल्ले के साथ गरारे भी करे
- फिर नाक में वनसे तक पानी ले जाए
- फिर वजू के बाद पूरे बदन पर तीन दफा दाहिना तरफ पानी डाले
- उसके बाद बया तरफ तीन दफा पानी डाले
- अपना बदन अच्छे से मल कर धुले ताकि कोई जगह पर पानी जाने से बाकी ना रहे
नोट : ग़ुस्ल करते समय मर्द अपने कमर से नीचे तक लुंगी या किसी दूसरे कपड़े से ढक ले और औरत ग़ुस्ल करते समय अपने सीने के ऊपर से निचे तक अपना बदन किसी कपड़े से ढक ले |
औरत ग़ुस्ल करती समय इस बात का धयान रखे की उसके बालो के अंदर तक पानी जाए और अगर उनके बाल लम्बे हो तो वो अपने जुड़े को खोल कर नहाये ताकि बालो के अंदर तक पानी जाए क्यों की अगर शरीर के हर हिस्से तक पानी नहीं पहोचे गा तो ग़ुस्ल नहीं होगा |
ग़ुस्ल करने के लिए नियत कैसे करते ?
बहुत सारे लोग सोचते रहते है की ग़ुस्ल करने के लिए हम नियत कैसे करे तो मैं उन्हे बताना चाहूंगा की ग़ुस्ल करने के लिए नियत करना बहुत आसान है और ग़ुस्ल में नियत सुन्नत है अगर नियत नहीं भी किए आप तो भी आपका ग़ुस्ल हो जाएगा :- “नापाकी दूर होना और नमाज़ जायज होने की नियत करता हु”
ग़ुस्ल में फ़र्ज़ क्या है ?
नोट : दोस्तों ग़ुस्ल में फर्ज का मतलब यह होता है की जिसके बिना आपका ग़ुस्ल नहीं होगा मतलब आपको ग़ुस्ल करते समय ग़ुस्ल में फ़र्ज़ का ध्यान पड़ेगा |
- ग़ुस्ल करते समय इस तरह से कुल्ली करे ताकि पानी मुँह के हर कोने तक अच्छे से पहुंच जाए
- नाक में अच्छे से पानी डाले जहां तक अच्छे से पानी डाले
- पूरे बदन में पानी बहाना ताकि कोई जगह सुखी ना रह जाए
ग़ुस्ल में सुन्नत क्या है ?
दोस्तों ग़ुस्ल में सुन्नत का मतलब यह होता है की अगर आप इसके बिना भी ग़ुस्ल करते है तो भी आपका ग़ुस्ल हो जाएगा और ग़ुस्ल में सुन्नत का कोई सवाब नहीं मिलता है |
- सबसे पहले बिस्मिल्लाह पढ़ कर सुरु होना
- उसके बाद ग़ुस्ल का नियत करना
- दोनों हाथ पोहचो तक अच्छे से धुलना
- बदन की पूरी गंदगी दूर करना
- अपने सरम गाह को अच्छे से धुलना
- उसके बाद वजू करना
- पूरे बदन पर तीन बार पानी डालना
- पानी डालना सर से शुरू करना
- सर के बाद दाएँ कंधे पर पानी डालना
- और फिर बाएं कंधे पर पानी डालना
- बदन को अच्छे से मलना
- एक-एक करके सारे हिस्से को साफ़ से धुलना
ग़ुस्ल के मुस्ताहीबत क्या-क्या है ?
दोस्तों ग़ुस्ल के मुस्ताहीबत वो काम है जिन्हे करने से सवाब में इजाफा होता है इसी लिए इसे हर एक इंसान को करना चाहिए |
- ग़ुस्ल करते समय क़िब्ले के तरफ मुँह और पीठ ना करे
- मर्द खुली बदन नहीं नहाय नहाते समय वह अपने बदन पर कोई कपड़ा या तहबन लपेट ले
- और को खुली जगह नाहा सख्त मना है , और अगर औरत नहाए तो आपने पूरा बदन कपड़े से लपेट ले
- ग़ुस्ल करते वक्त किसी से बात नहीं करे
- ग़ुस्ल करते वक़्त कोई भी दुआ ना पढ़े ग़ुस्ल करने के बाद पढ़े
ग़ुस्ल को फ़र्ज़ करने का तरीका क्या है ?
मुस्लिम भाइयों और बहनों के द्वारा पूछे जाने वाला सवाल यही होता है की ग़ुस्ल को फ़र्ज़ करने का तरीका क्या होता है तो मैं उन्हे बताना चाहूंगा की जब आप चाहे तब ग़ुस्ल कर सकते है बदन के साफ सफाई के लिए यह अच्छा होता है लेकिन सरियत के हिसाब से ग़ुस्ल करना फ़र्ज़ होगया है और जो अगर इस हिसाब से ग़ुस्ल नहीं करता है वह नापाक ही रहता है जैसे की :-
- एहतलाम होने के बाद
- और सर जिस्मानी सम्बन्ध बनाने के बाद
- और का पीरियड ख़तम होने के बाद
- बच्चे की पैदाइश होने के बाद
- नापाक हालत में होने के बाद
Frequently Ask Questions ( FAQ )
दोस्तों ग़ुस्ल में सुन्नत , तहबान पहन कर नहाना , प्राइवेट पार्ट को अच्छे से धुलना , नहाने के बाद सर से तीन बार पानी डालना , यही ग़ुस्ल के सुन्नत है |
दोस्तों ग़ुस्ल में 3 फ़र्ज़ है अगर आप ग़ुस्ल करते समय इन्हे छोड़ देते है तो आपका ग़ुस्ल नहीं होगा |
1.अच्छे से कुल्ली करना
2.नाक में पानी डालना
3.पूरे बदन पर पानी डालना
दोस्तों ग़ुस्ल का मतलब होता है नहाना , अपने शरीर को अच्छे से साफ करना ग़ुस्ल एक उर्दू लफ्ज़ है , आप सभी को ग़ुस्ल का इस्लामिक तरीका आना चाहिए |
लोगो सबसे ज्यादा यही सवाल पूछते है की ग़ुस्ल कब जरुरी है तो मैं उन्हे बताना चाहूंगा की ग़ुस्ल
1.जब आप नापाक हो तब जरूरी है
2. जब आप किसी औरत से हमबिस्तर हो तब जरूरी है
3.ग़ुस्ल जब किसी औरत के पीरियड आने के बाद जरुरी है
4.ग़ुस्ल किसी औरत के बच्चा पैदा होने के बाद जरुरी है
5.ग़ुस्ल किसी मर्द के सपन दोष होने के बाद जरुरी है
Conclusion
मुझे उम्मीद है की आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और आपके मन में ग़ुस्ल से संबंधित जितने भी सवाल रहे होंगे आपको उन सारे सवालो का जवाब मिल गया होगा लेकिन फिर भी अगर आप इससे जुडी कोई और बात जानना चाहते है तो आप मुझे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है मैं आपको उसके बारे में जरूर बताऊंगा और मुझे आपकी मदद करके काफी अच्छा लगेगा |